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‘भ्रष्ट-निकम्मे लोग’ NHAI अधिकारीयों पर देरी के लिए सही बरसे नितिन गडकरी: अभिजीत

https://youtu.be/qVflHFtoZdQ
प्रोजेक्ट में सालों की देरी पर NHAI पर सही बरसें नितिन गडकरी। ऐसी स्थिति कई मंत्रालयों की है. समय सीमा का पालन करने के लिए कड़ाई करने पर मंत्रालय बुलाकर फटकारते हैं ये भ्रष्ट अधिकारी – अभिजीत सिन्हा

It was a day of unprecedented gloom for many in central government ministries and departments, particularly the National Highways Authority of India (NHAI) on Sunday, as no less than the Union Minister of Road Transport, Highways and MSME – Nitin Gadkari himself took to thrashing non-performing and inefficient babus/bureaucrats of the NHAI. Mincing no words, the Union Minister launched a brutal takedown of what he referred to as lazy and ‘negative’ elements in the department, who do nothing but create hurdles for ongoing projects by indulging in unique techniques of red-tapism. Read Full Article at TFI POST

आज प्रोजेक्ट में सालों की देरी पर आज NHAI पर नितिन गडकरी की फटकार पर प्रतिक्रिया देते हुए नेशनल हाइवे फॉर इलेक्ट्रिक वेहिकल (PPP पायलट प्रोजेक्ट) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अभिजीत सिन्हा ने कहा की मंत्री बिलकुल सही बरसे है. ऐसी स्थिति एक नहीं कई मंत्रालयों की है, उन्होंने बिलकुल ठीक कहा की कुछ अधिकारीयों की मानसिकता विषकन्या की तरह विकृत हो गई है, यहाँ तक की समय सीमा का पालन करने के लिए कड़ाई करने पर मंत्रालय बुलाकर फटकारते हैं ये भ्रष्ट अधिकारी और इज ऑफ डूइंग बिजनेस के वरीय सरकारी अधिकारीयों से मिलने भी नहीं देते क्योंकि उनकी पोल खुल सकती है.

प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में UPA सरकार के मुक़ाबले प्रतिदिन 8-9 km की जगह अब 38-40 km सड़क निर्माण होता है। ये तीव्र सड़क निर्माण, नितिन गडकरी द्वारा इज आफ़ डुइंग बिज़नेस के लिए किए गए रिफ़ार्मस से टेंडरिंग की प्रक्रिया में तेज़ी और पारदर्शिता से आने से ही संभव हो सका है। वर्षों से रुके हुए प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए जहाँ ज़रूरत पड़ी वहाँ हाइब्रिड एन्यूटी माडल (HAM) जैसे नये माडलों को 2015 से ही प्रभाव में लाया गया. लेकिन इन राजमार्गो को इ-हाईवे बनाने के लिए सिर्फ सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ही नहीं बल्कि कई अन्य मंत्रालयों और विभागों से भी समन्वय आवश्यक होता है।

300 km ई-हाईवे बनाने में 90 दिन का समय पर्याप्त होता है 2014 से 2020 तक राजमार्गों को ई-हाईवे बनाने की टेंडरिंग हुई लेकिन एक भी ई- हाइवे नहीं बन सका क्योकि कोई भी योजना व्यावहारिक और व्यापारिक रूप से ज़मीन पर नहीं आ सकी। आज अपने उद्घाटन उद्बोधन में नितिन गडकरी ने कहा की पिछले 11 साल तक एक NHAI की एक बिल्डिंग को बनाने की प्रक्रिया में किस-किस अधिकारी ने कैसे-कैसे इसके काम को रोक कर रखा इसपर एक रिसर्च पेपर ज़रूर तैयार किया जाना चाहिए।

इस पर प्रितिक्रिया देते हुए सिन्हा ने बतया की आज दिल्ली को प्रदूषण और धुंए से बचाने के लिए राज्य और केंद सरकार के पर्यावरण मंत्री लगातार मीटिंग कर रहे है लेकिन पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने 2013 में नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान 2020 शुरू किया था जिसके असफल होने का श्रेय योजना आयोग पर मढ़ने वाले अधिकारी आज इतना भी नहीं बता पाते की कम से कम विकट प्रदूषण से जूझ रहे दिल्ली में आने वाले राजमार्गों पर पिछले 7 सालों में इ-हाइवे क्यों नहीं बना पाए? इतनी सब्सिडी नीतियों और हज़ारों करोड़ की स्कीम का क्या तब आखिर क्या प्रयोजन है?

 

SourceTFI POST

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