SOURCE : EODB NEWS | PUBLISHED : 25 JUNE 2024
भारत का हेल्थ सेक्टर इजराइल को देगा टक्कर
Covid-19 के बाद दुनिया में हर जगह स्वास्थ्य सेवा सबसे तेजी से बढ़ने वाले क्षेत्रों में से एक है, जो अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाली मंदी के बावजूद निरंतर गति दिखा रही है। दुनिया में लगातार अस्पतालों, चिकित्सा उपकरण निर्माताओं, स्वास्थ्य बीमा कंपनियों में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं, आज भारत में भी लगातार स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में काम हो रहा है और सरकार प्रयास कर रही है कि हर एक व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा का लाभ पहुंचे।
परिवारों पर आर्थिक बोझ कम करने और राष्ट्रीय विकास में योगदान देने के लिए एक अच्छी स्वास्थ्य सेवा का होना बहुत जरूरी है। OCED ऑब्जर्वर के अनुसार, एक अच्छी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली एक मजबूत अर्थव्यवस्था सुनिश्चित करती है। हकीकत में उनके अध्ययन से पता चला है कि जीवनयापन में मात्र 10% की वृद्धि प्रति वर्ष लगभग 0.4% की आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित करती है।
मौजूदा समय में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी अस्पताल जिला में मौजूद होता है, जिसकी वजह से मरीजों को निजी अस्पताल का रुख करना पड़ता है, जिससे उनके खर्चे पर अलग से बोझ बढ़ जाता है। खासकर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों पर ज्यादा बोझ न बढ़े और उनके स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान उनके घर पर ही मिल जाए उसके लिए ही DIISHA कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर DIISHA केवल 9 राज्यों में ही शुरुआत की गयी है, इसके तहत आशाकर्मी को इस काबिल बनाना है कि वे मरीजों की पहली जरूरत बन जाएं और स्वास्थ्य संबंधी कोई भी समस्या हो तो उसके बारे में जांच और बाकी चीजें वे अपने यथा स्थान पर ही कर सकें।
मौजूदा समय में अगर हम स्वास्थ्य और शिक्षा की बात करें तो सबसे पहले विचार आता है कि सरकार के पास इसके लिए कितना फंड है? ये स्वास्थ्य और शिक्षा ऐसा एक क्षेत्र है, जो जीडीपी को बढ़ाने में अपना योगदान नहीं देता है, बल्कि इसको अलग से ही फंड चाहिए। लेकिन इजराइल एक ऐसा देश है, जिसकी स्वास्थ्य सेवा जीडीपी में सीधे योगदान करती है।
क्या है इजराइल के स्वास्थ्य सेवा की विशेषताएं?
इजराइल ने National Digital Health Plan में 287 MN निवेश किया है। सरकार ने कमर्शियल इस्तेमाल के लिए 9 MN डिजिटल स्वास्थ्य और चिकित्सा रिकॉर्ड को डिजिटलीकृत किया। ये डाटा अज्ञात था, ये डाटा इजराइल की कुल जनसंख्या का 98 % है। इजराइल का लक्ष्य $6T global healthcare market का 10% ($600BN) पर कब्जा करना है। अकेले 2018 में इजराइल ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में 540 बिलियन डॉलर का फंड एकत्रित किया था। 2019 में $148BN Global Healthcare Investment का 4.5% (40% CAGR) इजराइल में किया गया था। किसी भी देश की जीडीपी में सबसे अच्छा योगदान उस देश का माना जाता है, जहां लगातार Startup होते रहते हैं और रोजगार के नए अवसर पैदा हों। इजराइल में 2018 के बाद 550 स्टार्टअप हुए और कुल स्टार्टअप की संख्या 1500+ हो गई। लगातार हो रहे स्टार्टअप की वजह से 10 हजार से ज्यादा नौकरियों के अवसर पैदा हुए।
इजराइल में GE हेल्थकेयर, फिलिप्स हेल्थकेयर जैसे वैश्विक दिग्गजों ने अपनी R&D क्षमताओं का विस्तार किया है और इस विस्तार की वजह से प्रत्येक कंपनी को $1BN+ से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ है। माइक्रोसॉफ्ट, एस्ट्राजेनेका, बीएमटीसी जैसे बड़ी कपनियों ने 2015 के बाद इजराइल बाजार में प्रवेश किया है।
ज्ञात हो कि जब पूरे देश में दूसरा लॉकडाउन लगा हुआ था, कुछ ही गिनती के ऐसे देश बचे थे, जहां लॉकडाउन नहीं हुआ था। इजराइल भी एक ऐसा ही देश है, जहां दूसरा लॉकडाउन नहीं लगा था। लॉकडाउन को रोकने के लिए वहां की सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्था को अपग्रेड और जनता को इतना जागरूक कर दिया था कि लॉकडाउन लगाने की नौबत ही नहीं आई। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस ही वे ऐसी संस्था है, जिसने इजराइल में लॉकडाउन नहीं होने दिया था। वहीं, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ Innoplexus ने भी डाटा को इकठ्ठा कर उस पर बेहतर काम करने के लिए प्रेरित किया था। गौरतलब हो कि Innoplexus एक मुंबई आधारित कंपनी है।
क्या करेगी DIISHA ?
DIISHA एक कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है। जिसके तहत दो लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर उनके स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान वहीं कर सकें। ऐसा होने से ग्रामीणवासियों को कहीं दूर नहीं जाना पड़ेगा।
अभी DIISHA कार्यक्रम को पायलट तौर पर 9 राज्यों में शुरू किया गया है। इन राज्यों में लक्ष्य है कि 1 करोड़ 25 लाख लोगों की देखरेख किया जा सके। वहीं, आने वाले समय में DIISHA कार्यक्रम के तहत 12 करोड़ 25 लाख लोगों की देखरेख की जाएगी।
जिन 9 राज्यों में ये कार्यक्रम पायलट तौर पर शुरू किया गया है, वे राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, सिक्किम, आसाम, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र हैं।
DIISHA कार्यक्रम के तहत जब आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रशिक्षण ले लेंगे तो घर-घर जाकर वे मोबाइल ऐप के माध्यम से ही बता देंगी कि किसको क्या बीमारी है। ऐसा होने से ग्रामीण क्षेत्रों का मृत्यु दर कम होगी। अभी अगर देखेंगे, तो ग्रामीण क्षेत्रों ज्यादातर मृत्यु सिर्फ जानकारी के आभाव में होती है या फिर सुविधाओं की कमी से होती है। अगर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के मोबाइल में कुछ ऐसी बीमारी का पता चलता है, जिसका इलाज वहां मौजूद नहीं है, तो उस बीमारी के विशेषज्ञ बुलाने का पर्याप्त समय मिलेगा। इससे मेट्रो सिटी जाने की जरूरत नहीं होगी, जिससे 1250 करोड़ रुपए की बचत होगी।
Innoplexus कंपनी डाटा को स्टोर करने में मदद करेगी, ताकि बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए उस डाटा का अध्ययन किया जा सके। साथ ही नई कंपनियां अगर कोई स्वास्थ्य सेक्टर में आती हैं, तो उसे भी इस डाटा पर बेहतर काम करने में सहूलियत मिलेगी।
अब समय आ गया है कि नीति निर्माता यह सुनिश्चित करें कि स्वास्थ्य सेवा कंपनियां लोगों को बाजार के बजाय विकास के भागीदार के रूप में देखें। इससे स्वास्थ्य सेवा को अधिक सुलभ, किफायती और उपलब्ध बनाने में मदद मिलेगी। वर्तमान में, शीर्ष पायदान वाली स्वास्थ्य सेवा एक विशेषाधिकार बनी हुई है और केवल शहरी इलाकों पर केंद्रित है। वास्तव में, अधिकांश विकासशील देशों में अधिकांश लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं, जहां स्वास्थ्य सेवा तक उनकी पहुंच बहुत कम है, फिर भी वे अपने देश के आधे से अधिक सकल घरेलू उत्पाद में योगदान देते हैं। अधिकांश विकासशील देशों के ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टर-रोगी का बहुत कम अनुपात चिंता का विषय बना हुआ है। प्रौद्योगिकी, सरकारी पहल और सामुदायिक भागीदारी स्वास्थ्य सेवा संगठनों को परिप्रेक्ष्य देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत में, DIISHA कार्यक्रम पायलट तौर पर शुरू किया गया है, ताकि ग्रामीण क्षेत्र में आखिरी निवासी तक सुविधाएं पहुंच सकें।
अब समय आ गया है कि लोग स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेश को अपनी सफलता मापने का प्राथमिक लक्ष्य माने। प्रौद्योगिकी ने लोगों की सेवा करने के बहुत से अवसर खोले हैं, जिसके कारण कई दवा कंपनियों ने कमजोर आबादी तक पहुंचने के लिए अपनी स्वयं की सेवा एजेंसियां बना ली हैं। वास्तव में, वे ग्रामीण आबादी तक पहुंचने, उनकी स्वास्थ्य सेवा में सुधार करने और क्षेत्र के आर्थिक विकास में योगदान देने में सफल रही है। अन्य स्वास्थ्य सेवा कंपनियां ऐसी दवा कंपनियों से सीख लेकर अपने आउटरीच कार्यक्रम शुरू कर सकती हैं, जिससे लोगों को स्वस्थ जीवन जीने और राष्ट्र के आर्थिक विकास में योगदान देने में मदद मिल सके।
SOURCE : EODB NEWS | PUBLISHED : 25 JUNE 2024