NHEV (नेशनल हाइवे फॉर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ) ने हरियाणा के गुड़गांव में भारत के सबसे बड़े इलेक्ट्रिक वाहन (EV) चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया। यह चार्जिंग स्टेशन Alektrify द्वारा स्थापित और संचालित किया गया है। इस स्मार्ट ईवी चार्जिंग स्टेशन को खास कारों के लिए खोला गया है और सबसे बड़ी बात यह है कि यहां पर 100 चार्जिंग पॉइंट मिलते हैं, यानी एक साथ 100 कारें चार्ज की जा सकती हैं। जिसमें से 72 यूनिट एसी स्लो चार्जर हैं जबकि 24 यूनिट में डीसी फास्ट चार्जर हैं। यह चार्जिंग स्टेशन गुड़गांव के सेक्टर 52 में खुला है। इससे पहले नवी मुंबई में स्थित 16 AC और 4 DC चार्जर वाला स्टेशन सबसे बड़ा माना जाता था।
कंपनी के अनुसार, यह इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन न केवल इस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को बढ़ावा देगा, बल्कि आने वाले समय में देश भर में बड़े इलेक्ट्रिक वाहन (EV) चार्जिंग स्टेशनों के लिए एक बेंचमार्क के रूप में भी काम करेगा। यह चार्जिंग स्टेशन Alektrify द्वारा स्थापित और संचालित किया गया है, जो कि व्यवसाय करने में आसानी पायलट कार्यक्रम के तहत जयपुर-दिल्ली-आगरा ई-हाईवे पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए NHEV की एक आधिकारिक कमीशनिंग और इंस्टॉलेशन पार्टनर कंपनी है।
NHEV (नेशनल हाइवे फॉर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) कार्यकारी समूह के सदस्य और Alektrify स्टेशन के प्रबंध संचालक प्रवीण कुमार ने कहा कि स्टेशन में 96 चार्जर वर्तमान में चल रहे हैं और स्टेशन एक साथ 96 इलेक्ट्रिक कारों को चार्ज कर सकता है और एक पूरे दिन में 576 EV वाहनों को चार्ज किया जा सकता है। एक AC चार्जर एक कार को 6 घंटे में पूरा चार्ज करता है और पूरे दिन में ऐसी 4 गाड़ियों को चार्ज करता है। यहां 72 ऐसे भी चार्जर हैं जो पूरे दिन में 288 EV कारों को चार्ज कर सकते हैं। जबकि एक DC फास्ट चार्जर एक EV कार को 2 घंटे से कम समय में चार्ज कर सकता है।
इस मौके पर नीति आयोग के सलाहकार सुधेन्दु सिन्हा ने कहा कि, 2020 में बैटरी और वाहन अलग बेचने की अनुमति से ये परियोजना व्यापारिक रूप से अधिक किफायती और ऑपरेटरों के लिए व्यवहारिक हो गई। इस हाईवे पर 30 मिनट, 30 फीसदी और 3 साल का बहुत महत्त्व है क्योकि सभी इलेक्ट्रिक वाहनों को दिल्ली से आगरा तक 30 मिनट में आपातकालीन तकनीकी सहायता मिलेगी, वाहन ऑपरेटर 30 फीसदी कम कीमत पर वाहन खरीद सकेंगे, और 3 साल में चार्जिंग स्टेशन पर लगे इंफ्रा की लागत वसूल होगी।