गुरुग्राम। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर शुक्रवार को इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन के तकनीकी ट्रायल की शुरुआत हो गई। नेशनल हाईवे फॉर इलेक्ट्रिक व्हीकल (एनएचईवी) के परियोजना निदेशक अभिजीत सिन्हा ने इंडिया गेट से इलेक्ट्रिक वाहनों को हरी झंडी दिखाते हुए इसका शुभारंभ किया। ट्रायल के दौरान आठ कारों और दो बसों को हाईवे पर संचालन के लिए उतारा गया है। ये ट्रायल 30 दिन तक चलेगा। इसके आधार पर यह तय किया जाएगा कि हाईवे पर कहां कहां वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही इस ट्रायल से रोड की वास्तविक स्थिति में इलेक्ट्रिक वाहन के प्रदर्शन, जाम और बारिश जैसी विकट परिस्थितियों में लगने वाले समय और वाहनों की रेंज का पता चल सकेगा।
दिल्ली से ट्रायल की शुरूआत होने के बाद इलेक्ट्रिक वाहनों का काफिला शाम करीब पांच बजे गुरुग्राम आ कर रुका। यहां सेक्टर-86 में चार्जिंग स्टेशन पर इलेक्ट्रिक कारों को चार्ज किया गया। एनएचईवी की तकनीकी टीम से जुड़े प्रवीण यादव ने बताया कि यहां से चलने के बाद काफिला नीमराणा में रुकेगा। वहां बसों के लिए भी चार्जर लगाए गए हैं। वहां पर बस और कार दोबारा से चार्ज होंगे। इसके बाद से जयपुर का सफर तय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस तरह 30 दिन तक लगातार ट्रायल होगा। इससे ये जानकारी हासिल हो सकेगी कि एक बार चार्ज होने पर कार और बस कितने किलोमीटर चल पाती हैं और कहां उन्हें चार्जिंग की जरूरत महसूस होती है इसके आधार पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित होंगे।
हाईवे पर 10 चार्जिंग स्टेशन बनने हैं:
पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत 500 किमी के देश के पहले अंतर-राज्यीय इलेक्ट्रिक हाइवे के ट्रायल का 210 किमी का पहला चरण दिल्ली से आगरा तक 2020-2021 में पूरा किया गया था। इस ट्रायल रन की शुरुआत भी दिल्ली के इंडिया गेट से हुई थी। 500 किलोमीटर का ये इलेक्ट्रिक हाइवे उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, और राजस्थान से गुजरेगा। जिसमें लगभग 278 किलोमीटर की लंबाई वाला दिल्ली-जयपुर हाइवे भी शामिल है। इन दोनों पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 20 चार्जिंग स्टेशन और 10 इंफ़्रा डीपो बनाए जाने हैं, इस ट्रायल में जहां इनके लिए प्रस्तावित स्थानों को चुनने में मदद मिलेगी, वहीं वाहनों की रेंज और तकनीकी आकड़ों का इस्तेमाल होगा। दोनों में से प्रत्येक हाइवे पर दस दस चार्जिंग स्टेशन बनेंगे। दिल्ली जयपुर हाइवे पर इनकी संख्या बढ़ाई भी जा सकती है। एनएचईवी के परियोजना निदेशक अभिजीत सिन्हा ने कहा कि दिल्ली से आगरा के पिछले 210 किमी के तकनीकी ट्रायल के बाद अब 278 किमी के दिल्ली जयपुर हाइवे के ट्रायल से देश के पहले 500 किमी के इलेक्ट्रिक हाइवे बनने का रास्ता साफ जो जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले ट्रायल में सुनिश्चित किया गया था की 30 मिनट में इलेक्ट्रिक वाहनों को हाइवे पर आपातकालीन तकनीकी सहायता मिले। इस ट्रायल में भी कई बिंदुओं को देखा जाएगा।
ये ट्रायल देश के ईवी मोबिलिटी सेक्टर में बड़ी पहल में से एक है। कोई भी तकनीक तभी सफल मानी जा सकती है जब तक वह आम लोगों और समाज के लिए आर्थिक रूप से मददगार हो। यह ट्रायल रन न केवल ईवी की व्यवहार्यता पर है बल्कि ये आम लोगों को आसान भाषा में समझाने के लिए एक ढांचे का काम भी करेगा। ये ट्रायल किसी भी गड़बड़ को खत्म करने में भी मदद करेगा।